सोमवार, 2 जनवरी 2012

सुघ्‍घर छत्‍तीसगढि़या


सरगुजिहा बस्तरिहा कहिले, कहिले गा रायगढ़िया।
भारत माता के बेटा अंव, सुघ्घर छत्तीसगढ़िया॥

सत के रद्दा मं रेंगबे बेटा, मोर दाई ह, सिखाय हे।
झूठ लबारी ले दुरिहा रहिबे, किरिया घलो खवाय हे॥
दुरूगहा रइपुरिया कहिले, कहिले कुंवरगढ़िया।
भारत माता के बेटा अंव सुघ्घर छत्तीसगढ़िया॥

पर के सेवा मं आगू रहिथंव, सब ला एके जानेंव। ᅠᅠ
ऊंच नीच के भेद नई जानें, छुवा छुत नई मानेव॥
खाल्हेरजिहा रतनपुरिहा, कहिले सारंगढ़िया।
भारत माता के बेटा अंव, सुघ्घर छत्तीसगढ़िया॥

जुरमिल के सब काम ला करबो, सुमत निसैनी चढ़बो।
खाध मं खाध लां जोरके संगी, नवा विकास ला गढ़बो॥
उपररजिहा रांकारजिहा, कहिले डोंगरगढ़िया।
भारत माता के बेटा अंव, सुघ्घर छत्तीसगढ़िया॥

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